प्रविष्टि तिथि: 29 NOV 2025 6:11 PM बेंगलुरु, भारत का विमानन और एयरोस्पेस सेक्टर आज एक ऐसे मुकाम पर पहुंच चुका है, जहाँ देश सिर्फ आयातक नहीं रहा, बल्कि वैश्विक स्तर पर खुद विमान, ड्रोन और आधुनिक एवियेशन टेक्नोलॉजी विकसित करने की दिशा में अग्रणी बन रहा है। इसी ऐतिहासिक बदलाव को मजबूत करते हुए, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बेंगलुरु स्थित CSIR–NAL में कई बड़े और निर्णायक प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए, जिनका असर आने वाले दशकों तक भारत के विमानन उद्योग पर दिखेगा।
इस कार्यक्रम में सबसे बड़ा आकर्षण रहा — भारत का पहला स्वदेशी पायलट ट्रेनर एयरक्राफ्ट ‘HANSA-3 NG’ का आधिकारिक उत्पादन लॉन्च।
✈️ 1. HANSA-3 NG — भारत का पहला स्वदेशी ट्रेनर एयरक्राफ्ट, जो बदलेगा पायलट ट्रेनिंग का भविष्य
भारत में पिछले कई वर्षों से पायलट ट्रेनिंग के लिए विदेशी विमानों पर भारी निर्भरता रही है। अब जब अगले 15–20 सालों में देश को लगभग 30,000 नए पायलट चाहिए, तब विदेशी विमानों पर निर्भरता भारत को आर्थिक और तकनीकी दोनों रूप से पीछे कर सकती थी।
इसी समस्या का समाधान बनकर आया है:
➡️ HANSA-3 NG (Next Generation)
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दो-सीटर ट्रेनर विमान
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पूरी तरह भारतीय डिजाइन और भारतीय कंपोजिट एयरफ्रेम
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पायलट ट्रेनिंग के लिए बनाया गया
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कम ईंधन खर्च और हाई-सुरक्षा मानक
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हल्का, आधुनिक और विदेशी विमानों से सस्ता विकल्प
मंत्री ने कहा कि इसका उत्पादन अब निजी कंपनी Pioneer Clean Amps करेगी, जिसने ₹150 करोड़ की फैक्ट्री आंध्र प्रदेश के कुप्पम में तैयार कर ली है। यह यूनिट हर साल 100 विमान तक बना सकेगी।
यह भारत को पायलट ट्रेनिंग के क्षेत्र में पूर्ण आत्मनिर्भर बना देगा।
🛫 2. SARAS Mk-2 — भारत का 19-सीटर क्षेत्रीय विमान, UDAN स्कीम का भविष्य
HANSA-3 NG के बाद कार्यक्रम का दूसरा सबसे बड़ा आकर्षण था — SARAS Mk-2 का विकास और Iron Bird Facility का उद्घाटन।
SARAS Mk-2 एक 19-सीट वाला स्वदेशी विमान है, जो भारत के क्षेत्रीय कनेक्टिविटी कार्यक्रम UDAN को नई गति देगा।
SARAS Mk-2 की प्रमुख खूबियाँ:
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प्रेसराइज्ड केबिन
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ग्लास कॉकपिट
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डिजिटल अवियोनिक्स
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ऑटोपायलट
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Command-by-Wire सिस्टम
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हल्का वजन और कम ड्रैग—बेहतर ईंधन दक्षता
यह विमान भारत को छोटे विमानों के बाजार में विदेशी निर्भरता से बाहर निकाल देगा और सेना व नागरिक दोनों उपयोगों के लिए बेहद उपयुक्त है।
मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में भारत को केवल 19-सीटर ही नहीं, बल्कि 40–70 सीट वाले भारत में बने विमानों की भी आवश्यकता होगी — और SARAS उसी दिशा में पहला कदम है।
🔧 3. SARAS Mk-2 के लिए Iron Bird Facility — विमान परीक्षण का उन्नत युग
Iron Bird Facility का उद्घाटन इस कार्यक्रम की तकनीकी दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है।
यह सुविधा इंजीनियरों को—
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विमान के सभी हिस्सों को ज़मीन पर जोड़ने,
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उनके व्यवहार को मॉनिटर करने,
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सॉफ्टवेयर और कंट्रोल सिस्टम टेस्ट करने
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और डिज़ाइन की कमियों को पहले ही ठीक करने
की सुविधा देती है।
Iron Bird सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि उड़ान परीक्षण (फ्लाइट टेस्टिंग) के दौरान कम जोखिम रहें और समस्याएँ पहले ही पता चल जाएँ। यह भारत के एयरोस्पेस विकास की गति को बहुत तेज़ करेगा।
🛰️ 4. High Altitude Platforms (HAPs) — 20 किमी ऊंचाई तक उड़ने वाले सौर-ऊर्जा ड्रोन
मंत्री ने एक और अत्यंत उन्नत सुविधा — सौर ऊर्जा वाले हाई-एल्टीट्यूड प्लेटफॉर्म (HAPs) — की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का उद्घाटन किया।
ये HAPs क्या कर सकते हैं?
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20 किलोमीटर ऊँचाई पर कई दिनों तक उड़ान
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सुरक्षा निगरानी
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पर्यावरण मॉनिटरिंग
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टेलीकॉम सेवाएँ
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सैटेलाइट जैसे काम, लेकिन कम लागत में
भारत अब एक चुनिंदा देशों (अमेरिका, जापान, जर्मनी आदि) की सूची में शामिल हो गया है जो ऐसे अल्ट्रा-हाई-एल्टीट्यूड ड्रोन बना रहे हैं।
भारत का पहला सब-स्केल मॉडल पहले ही
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7.5 किमी ऊँचाई
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10 घंटे लगातार उड़ान
पूरा कर चुका है।
पहली फुल-स्केल 20 किमी फ्लाइट 2027 में प्रस्तावित है।
☁️ 5. HAL एयरपोर्ट पर NAviMet लॉन्च — मौसम और विज़िबिलिटी की स्वदेशी तकनीक
डॉ. जितेंद्र सिंह ने NAviMet सिस्टम लॉन्च किया जो:
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रियल-टाइम लैडिंग विज़िबिलिटी
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मौसम डेटा
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एयरपोर्ट सुरक्षा
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फ्लाइट ऑपरेशन
में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
CSIR–NAL पहले ही 175+ systems देशभर में लगा चुका है।
यह प्रणाली DRISHTI और AWOS जैसे स्वदेशी तकनीकों का विस्तारित रूप है।
🛡️ 6. स्वदेशी 150-kg Loitering Munition UAV — रक्षा क्षेत्र में बड़ी छलांग
कार्यक्रम में एक और बहुत महत्वपूर्ण समझौता हुआ —
CSIR–NAL और Solar Defence & Aerospace Ltd. के बीच 150-kg क्लास Loitering Munition UAV के विकास के लिए PPP मॉडल।
इस स्वदेशी UAV की खासियतें:
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900 किलोमीटर रेंज
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6–9 घंटे एंड्योरेंस
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5 किमी सेवा ऊँचाई
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भारतीय Wankel इंजन
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कम रडार सिग्नेचर
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GPS Denied Navigation
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AI-आधारित टारगेट पहचान
यह भारत को रक्षा ड्रोन टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाएगा और विदेशी निर्भरता लगभग समाप्त कर देगा।
🏛️ 7. भारत का एयरक्राफ्ट इकोसिस्टम — आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ मार्च
मंत्री ने कहा कि—
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UDAN ने हवाई यात्रा को “आम लोगों तक” पहुँचाया
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मजबूत मध्यवर्ग और तेज़ आर्थिक विकास भारत को विश्व के शीर्ष 3 हवाई यात्रियों वाले देशों में लाएगा
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2035 तक भारत Global Aviation Hub बनेगा
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2047 तक देश एक पूरी तरह विकसित विमानन निर्माण राष्ट्र होगा
उन्होंने CSIR–NAL को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे उद्योग, स्टार्टअप, युवा इंजीनियरों और निवेशकों के साथ सहयोग बढ़ाएँ ताकि भारत की वैज्ञानिक शक्ति जनता तक पहुँचे और नए उद्यमियों को प्रेरित करे।
📌 समापन: भारत के लिए ऐतिहासिक दिन
इस पूरे कार्यक्रम का सार एक पंक्ति में:
