दरभंगा (बिहार) – बिहार के दरभंगा जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक फर्जी दरोगा ने पुलिस की वर्दी पहनकर वाहनों की जांच करते हुए एक व्यवसायी के रिश्तेदार से बुलेट बाइक और मोबाइल लेकर फरार हो गया। इस घटना के बाद से पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। आश्चर्यजनक बात यह है कि घटना के समय पुलिस के असली अधिकारी और ट्रैफिक पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे, लेकिन किसी को इस फर्जीवाड़े की भनक तक नहीं लगी।
घटना का पूरा विवरण:
यह घटना दरभंगा विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के सुंदरपुर बेला गुमटी के पास गुरुवार की दोपहर की है, जब एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी पहनकर वाहनों की जांच कर रहा था। उसकी वर्दी पर पंडा की वर्दी के साथ डबल स्टार (दो सितारे) लगे थे, जिससे वह एक अधिकारी लग रहा था। नेम प्लेट पर 'विनय पासवान' लिखा हुआ था और कमर में पिस्तौल लगी हुई थी। फर्जी दरोगा का आत्मविश्वास और उसकी चालाकी ने उसे काफी समय तक असली पुलिसकर्मियों की नजरों से दूर रखा, जिससे वह बिना किसी शक के वाहनों की जांच करता रहा।
फर्जी दरोगा ने बुलेट एजेंसी के संचालक भोला यादव के भांजे केशव यादव और उनके मैनेजर अमर यादव की गाड़ी को रोका, जो बुलेट बाइक पर सवार होकर बेला से दिल्ली मोड़ की ओर जा रहे थे। फर्जी दरोगा ने उन्हें रोककर सबसे पहले इंश्योरेंस की मांग की। कागजात चेक करने के बाद उसने आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) दिखाने के लिए कहा। अमर यादव तुरंत आरसी लाने के लिए घर चले गए।
इस दौरान, फर्जी दरोगा ने केशव यादव को विश्वविद्यालय थाना चलने के लिए कहा और उसकी बुलेट बाइक पर बिठाकर निकट के शहरी स्वास्थ्य केंद्र ले गया। स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर उसने केशव से कहा कि वह उसे थाना ले जाने के लिए सिपाही लेकर आता है। उसने केशव को वहीं बिठा दिया और खुद बाइक और मोबाइल लेकर वहां से गायब हो गया।
ठगी का अहसास और पुलिस में हड़कंप:
फर्जी दरोगा के जाने के बाद जब काफी समय बीत गया और केशव को उसकी कोई खबर नहीं मिली, तब उसे अहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हो चुकी है। केशव ने किसी राहगीर का मोबाइल लेकर अपने परिजनों को घटना की जानकारी दी। इसके बाद पूरा मामला सामने आया और पुलिस महकमे में हलचल मच गई।
सदर एसडीपीओ अमित कुमार और थाना प्रभारी सुधीर कुमार के नेतृत्व में पुलिस की टेक्निकल सेल की टीम ने तुरंत मामले की छानबीन शुरू कर दी। हालांकि, इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी ठगी कैसे हुई जबकि घटना स्थल पर ट्रैफिक पुलिस तैनात थी और किसी ने इस फर्जी दरोगा को पहचानने या उस पर शक करने की कोशिश नहीं की।
फर्जी दरोगा की पहचान और पुलिस की प्राथमिक जांच:
पुलिस द्वारा की गई प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि फर्जी दरोगा ने बड़ी चालाकी से अपनी पहचान बनाई और पुलिस की वर्दी का गलत इस्तेमाल कर ठगी की। पुलिस को संदेह है कि यह कोई संगठित गिरोह हो सकता है, जो इस तरह की वारदातों को अंजाम देता है। टेक्निकल सेल की टीम मोबाइल कॉल डिटेल्स, सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी साक्ष्यों की मदद से फर्जी दरोगा की पहचान करने में जुटी हुई है।
घटना के बाद पुलिस ने इलाके में अलर्ट जारी कर दिया है और सभी थानों को सूचित कर दिया गया है ताकि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके। इसके अलावा, फर्जी पुलिसकर्मियों के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति या संदिग्ध पुलिसकर्मी से सतर्क रहें और किसी भी तरह की अनियमितता की तुरंत सूचना दें।
शहर में सुरक्षा को लेकर उठे सवाल:
इस घटना ने दरभंगा शहर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जब ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी में इस तरह की घटना हो सकती है, तो आम जनता की सुरक्षा और विश्वास पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। स्थानीय निवासियों ने इस घटना के बाद से पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और सुरक्षा के कड़े उपाय करने की मांग की है।
स्थानीय लोग यह भी पूछ रहे हैं कि आखिर कैसे एक फर्जी दरोगा बिना किसी जांच-पड़ताल के इस तरह की ठगी को अंजाम देने में सफल हो गया। ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी और इसके बावजूद फर्जी पुलिसकर्मी का इतना आत्मविश्वास इस ओर इशारा करता है कि शहर में पुलिस की सतर्कता और सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की जरूरत है।
भविष्य के कदम और पुलिस की कार्रवाई:
पुलिस विभाग ने घटना के बाद तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है और सभी प्रमुख मार्गों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। इसके अलावा, दरभंगा के सभी थाना क्षेत्रों में पुलिसकर्मियों की सख्ती से पहचान करने के आदेश दिए गए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही फर्जी दरोगा को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।
दरभंगा में हुई इस ठगी की घटना ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है। एक फर्जी दरोगा का इस तरह से पुलिस वर्दी में आकर ठगी करना न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं बढ़ाता है। इस घटना ने पुलिस महकमे के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है, और अब देखना होगा कि पुलिस इस चुनौती से कैसे निपटती है और फर्जी दरोगा को गिरफ्तार कर इस मामले को सुलझाती है।