दरभंगा: किरतपुर प्रखंड के जमालपुर-भुभौल क्षेत्र के पास कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध टूटने के बाद बाढ़ की भयंकर स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस तटबंध के टूटने से कोसी नदी का प्रलयाकारी जल अब आसपास के क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा है, जिससे दरभंगा जिला के कई प्रखंडों में भीषण बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। विशेष रूप से घनश्यामपुर प्रखंड समेत अन्य निकटवर्ती प्रखंडों पर इस आपदा के गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना है।
जिला परिषद सदस्य धीरज कुमार झा ने अहले सुबह इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि कोसी तटबंध के टूटने से पानी का अत्यधिक प्रवाह होने लगा है, जो निचले इलाकों में तेजी से फैल रहा है। उन्होंने कहा कि इस बाढ़ से सबसे अधिक खतरा दरभंगा जिले के ग्रामीण इलाकों को है, खासकर घनश्यामपुर प्रखंड, जो पहले से ही नदियों के पास होने के कारण जलभराव के लिए संवेदनशील है।
तटबंध टूटने से उत्पन्न खतरे
कोसी नदी का तटबंध टूटने से जलस्तर में वृद्धि ने कई गांवों और खेतों को जलमग्न कर दिया है। पश्चिमी तटबंध के टूटने का प्रभाव काफी व्यापक हो सकता है, क्योंकि यह इलाका पहले से ही बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील है। स्थानीय प्रशासन और बाढ़ प्रबंधन दलों के पास इस संकट से निपटने के लिए सीमित संसाधन हैं, जिससे स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है।
प्रभावित क्षेत्र
तटबंध टूटने से कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से न केवल किरतपुर प्रखंड बल्कि दरभंगा जिले के अन्य प्रखंडों जैसे घनश्यामपुर, हनुमाननगर, कुशेश्वरस्थान और अन्य इलाकों में भी बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। यह क्षेत्र पहले से ही बाढ़ की चपेट में रहा है, और इस बार तटबंध के टूटने से स्थिति और गंभीर हो सकती है। घर, फसलें, पशुधन, और संपत्तियां जलमग्न हो रही हैं, जिससे लोगों के जीवन और आजीविका पर भारी संकट मंडरा रहा है।
प्रभाव की विभीषिका
धीरज कुमार झा के अनुसार, यह बाढ़ पहले की तुलना में अधिक विनाशकारी साबित हो सकती है, क्योंकि तटबंध के टूटने से पानी का प्रवाह बहुत अधिक तेज हो गया है। नदियों का पानी अब तेजी से आसपास के क्षेत्रों में फैल रहा है, जिससे सड़कों, घरों और खेतों में पानी घुस गया है। कई गांवों में यातायात और आपूर्ति बाधित हो गई है, और लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं।
प्रभावित जनजीवन
इस बाढ़ से हजारों लोगों के जीवन पर संकट उत्पन्न हो गया है। घरों में पानी भर जाने से लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं, जबकि फसलें बर्बाद हो रही हैं, जिससे किसानों के लिए गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कट गया है, जिससे राहत कार्यों में भी बाधा उत्पन्न हो रही है। धीरज कुमार झा ने प्रशासन से तुरंत राहत और बचाव कार्यों को तेज करने की अपील की है ताकि लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
प्रभावी उपाय और राहत कार्य
इस आपदा को देखते हुए जिला प्रशासन ने एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को राहत कार्यों में लगा दिया है। प्रभावित क्षेत्रों में बचाव दल नावों और हेलिकॉप्टरों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। साथ ही, बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री भेजने का भी काम किया जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे शांत रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
आगे की चुनौतियां
कोसी नदी की इस बाढ़ से निपटना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होने वाला है। तटबंध का टूटना और पानी का अनियंत्रित फैलाव न केवल जनजीवन को प्रभावित करेगा बल्कि आने वाले दिनों में राहत और पुनर्वास कार्यों को भी चुनौतीपूर्ण बना देगा। धीरज कुमार झा ने लोगों से अपील की है कि वे प्रशासन का सहयोग करें और सुरक्षित स्थानों पर रहने का प्रयास करें।
दरभंगा जिला के घनश्यामपुर प्रखंड समेत अन्य क्षेत्रों में कोसी नदी की बाढ़ से उत्पन्न स्थिति ने लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस विभीषिका से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है, लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अभी और अधिक सतर्कता की आवश्यकता है।