दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने बिहार के दरभंगा में एम्स (AIIMS) का शिलान्यास करेंगे। इस महत्वपूर्ण घोषणा की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को दिल्ली में दी। दरभंगा एम्स का निर्माण उत्तर बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा और इस क्षेत्र के लोगों के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
एम्स की जमीन की चुनौती और तकनीकी समाधान
दरभंगा एम्स के लिए राज्य सरकार ने भूमि उपलब्ध करा दी है, लेकिन यह जमीन नीची है, जिससे बारिश के समय पानी भरने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसे देखते हुए, सरकार ने आईआईटी दिल्ली से तकनीकी सहयोग मांगा है। आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ ऐसी संरचना का डिज़ाइन तैयार कर रहे हैं, जिससे पानी भरने की स्थिति में भी अस्पताल का कामकाज बाधित न हो।
जेपी नड्डा ने कहा, "जमीन में पानी भरने की समस्या को ध्यान में रखते हुए, हम आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों से तकनीकी मदद ले रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अस्पताल का संचालन निर्बाध रूप से चलता रहे।"
1200 करोड़ का बजट और विकास कार्य
दरभंगा एम्स के निर्माण के लिए 1200 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की गई है। यह राशि अस्पताल की आधारभूत संरचना और अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के विकास पर खर्च की जाएगी। केंद्र सरकार का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो इस प्रोजेक्ट के लिए और अधिक धनराशि भी उपलब्ध कराई जाएगी।
उत्तर बिहार को मिलेगा लाभ
दरभंगा एम्स के शिलान्यास के बाद, उत्तर बिहार के लोगों को उन्नत चिकित्सा सुविधाओं के लिए पटना या अन्य बड़े शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। एम्स के बनने से इस क्षेत्र में सुपर-स्पेशलिटी सेवाओं का विस्तार होगा और हजारों लोगों को स्थानीय स्तर पर ही बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएँ मिलेंगी। इसके साथ ही मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
बिहार के विकास में एक और मील का पत्थर
दरभंगा एम्स का शिलान्यास बिहार के विकास के लिए एक बड़ा कदम है। इससे न सिर्फ राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। एम्स बनने से दरभंगा और उसके आसपास के क्षेत्रों का आर्थिक विकास भी तेज़ी से बढ़ेगा।