शेख़ हसीना के मामले में भारत के सामने क्या हैं विकल्प?


  
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बीते महीने की पांच तारीख़ तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख़ हसीना, वहां से आने के बाद तीन सप्ताह से भी ज़्यादा समय से भारत में रह रही हैं। भारत सरकार ने बेहद गोपनीयता और कड़ी सुरक्षा के बीच उनके और उनकी छोटी बहन शेख़ रेहाना के रहने का इंतज़ाम तो ज़रूर किया है, लेकिन अब तक औपचारिक रूप से यह नहीं बताया है कि इस मामले में उसका अंतिम फ़ैसला क्या होगा।


इस बीच, बांग्लादेश सरकार ने बीते सप्ताह शेख़ हसीना का राजनयिक या सरकारी पासपोर्ट रद्द कर दिया है। इससे सवाल उठने लगा है कि अब भारत में उनके रहने का क़ानूनी आधार क्या है। मौजूदा पृष्ठभूमि में, दिल्ली में भारत के शीर्ष सरकारी अधिकारियों और विश्लेषकों के साथ बातचीत से संकेत मिला है कि फिलहाल शेख़ हसीना के मुद्दे पर भारत के सामने तीन विकल्प या रास्ते खुले हैं।


### **भारत के सामने संभावित विकल्प**


1. **आश्रय देना और सुरक्षा सुनिश्चित करना:**

   पहला विकल्प यह हो सकता है कि भारत शेख़ हसीना को राजनीतिक शरण (asylum) दे और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे। भारत में राजनीतिक शरण देने की परंपरा रही है, और कई ऐसे उदाहरण हैं जब भारत ने पड़ोसी देशों के नेताओं और महत्वपूर्ण व्यक्तियों को शरण दी है। अगर शेख़ हसीना की जान को बांग्लादेश में खतरा है और वे भारत में शरण मांगती हैं, तो भारत उन्हें शरण दे सकता है। लेकिन इसके साथ ही यह भारत और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक संबंधों को प्रभावित कर सकता है, जिसे भारत को ध्यान में रखना होगा।

2. **बांग्लादेश सरकार के साथ समझौता:**

   दूसरा विकल्प यह हो सकता है कि भारत और बांग्लादेश के बीच कोई समझौता हो, जिसमें शेख़ हसीना की सुरक्षा की गारंटी दी जाए। इस प्रकार का समझौता बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति को स्थिर करने में मदद कर सकता है और भारत के साथ उसके संबंधों को भी बनाए रख सकता है। इस मामले में, भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि शेख़ हसीना को सुरक्षित रूप से वापस भेजने पर कोई प्रतिकूल स्थिति पैदा न हो।

3. **अन्य देशों में शरण दिलाने में मदद:**

   तीसरा विकल्प यह हो सकता है कि भारत किसी तीसरे देश के साथ मिलकर शेख़ हसीना को वहां शरण दिलाने की कोशिश करे। अगर शेख़ हसीना भारत में नहीं रहना चाहतीं या भारत उनके रहने के लिए अनुकूल नहीं है, तो भारत किसी अन्य देश के साथ मिलकर उनकी शरण का इंतजाम कर सकता है। यह एक कूटनीतिक रास्ता होगा जिससे भारत और बांग्लादेश दोनों देशों के संबंधों में तनाव नहीं आएगा और शेख़ हसीना की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।

### **भारत के लिए चुनौतीपूर्ण निर्णय**

भारत के लिए शेख़ हसीना के मामले में कोई भी निर्णय लेना चुनौतीपूर्ण होगा। एक तरफ, भारत को अपनी सीमा सुरक्षा और कूटनीतिक संबंधों का ख्याल रखना होगा, वहीं दूसरी ओर, उसे मानवीय और नैतिक दृष्टिकोण से भी विचार करना होगा। बांग्लादेश में शेख़ हसीना की स्थिति और भारत के साथ उसके ऐतिहासिक संबंधों को देखते हुए, भारत के लिए यह एक कठिन निर्णय होगा। 

फिलहाल, भारत सरकार इस मुद्दे पर विचार कर रही है और उसका अंतिम निर्णय क्या होगा, यह देखना बाकी है।

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