नई दिल्ली, 16 दिसंबर 2025।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आपदा-रोधी भारत (Disaster Resilient India) के विज़न को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति (HLC) ने 20 राज्यों में पंचायत राज संस्थाओं (PRIs) के लिए समुदाय आधारित आपदा जोखिम न्यूनीकरण (Community Based Disaster Risk Reduction – DRR) को सुदृढ़ करने हेतु ₹507.37 करोड़ की राष्ट्रीय परियोजना को मंजूरी प्रदान की है।
यह महत्वाकांक्षी परियोजना गृह मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सहयोग से लागू की जाएगी। इसके माध्यम से आपदा प्रबंधन को नीचे से ऊपर (Bottom-Up) के दृष्टिकोण से शासन प्रणाली में एकीकृत किया जाएगा।
पंचायत स्तर तक पहुँची आपदा न्यूनीकरण पहल
मोदी सरकार ने वर्ष 2021 में राष्ट्रीय आपदा शमन कोष (NDMF) की शुरुआत समाज को किसी भी आपदा का सामना करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से की थी। अब इस पहल को पंचायत स्तर तक विस्तारित कर दिया गया है, जिससे आपदा प्रबंधन की पहली कड़ी—स्थानीय समुदाय—को सशक्त बनाया जा सके।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हर प्रकार की आपदा से आत्मविश्वास के साथ निपटने में सक्षम बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
81 आपदा-प्रवण जिलों में लागू होगी परियोजना
यह राष्ट्रीय परियोजना देश के 20 राज्यों के 81 आपदा-प्रवण जिलों को कवर करेगी। इसके अतिरिक्त,
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20 ग्राम पंचायतों को प्रमुख आपदाओं (बाढ़, भूकंप, चक्रवात, भूस्खलन आदि) के संदर्भ में
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मॉडल ग्राम पंचायत के रूप में विकसित किया जाएगा,
ताकि उन्हें अन्य पंचायतों के लिए अनुकरणीय (Replicable Models) बनाया जा सके।
यह कार्यक्रम पंचायत राज मंत्रालय और राज्यों द्वारा चलाए जा रहे PRI सशक्तिकरण प्रयासों को आपदा जोखिम न्यूनीकरण के क्षेत्र में और मजबूती प्रदान करेगा।
परियोजना की वित्तीय संरचना
कुल ₹507.37 करोड़ की स्वीकृत परियोजना राशि में—
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₹273.38 करोड़ केंद्र सरकार का हिस्सा होगा, जो राष्ट्रीय आपदा शमन कोष (NDMF) से दिया जाएगा,
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राज्यों का समतुल्य अंशदान ₹30.37 करोड़ होगा,
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इसके अतिरिक्त पंचायती राज मंत्रालय की ओर से ₹151.47 करोड़,
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और राज्यों का संबंधित अंशदान ₹52.15 करोड़ निर्धारित किया गया है।
परियोजना के प्रमुख घटक
इस परियोजना के तहत निम्नलिखित गतिविधियों को प्राथमिकता दी जाएगी—
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पंचायत राज संस्थाओं में संस्थागत सुदृढ़ीकरण
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विकास योजनाओं में आपदा जोखिम न्यूनीकरण का एकीकरण
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राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA), जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) और PRI सदस्यों के लिए
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क्षमता निर्माण,
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जन-जागरूकता कार्यक्रम (IEC)
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स्थानीय स्तर पर आपदा शमन के लिए विभागों के बीच समन्वय और सहयोग को बढ़ावा देना
इन पहलों से स्थानीय निकाय आपदा से पहले तैयारी, आपदा के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया और आपदा के बाद पुनर्वास में अधिक सक्षम बन सकेंगे।
आपदा प्रबंधन के लिए केंद्र की उदार वित्तीय सहायता
यह सहायता राज्यों को पहले से जारी की गई आपदा राहत निधियों के अतिरिक्त है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान केंद्र सरकार द्वारा—
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28 राज्यों को SDRF के अंतर्गत ₹16,118.00 करोड़,
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18 राज्यों को NDRF के तहत ₹2,854.18 करोड़,
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21 राज्यों को SDMF से ₹5,273.60 करोड़,
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और 14 राज्यों को NDMF से ₹1,423.06 करोड़
जारी किए जा चुके हैं।
आपदा-रोधी भारत की नींव पंचायतों से
इस परियोजना के माध्यम से आपदा प्रबंधन को केवल प्रशासनिक तंत्र तक सीमित न रखकर समुदाय और पंचायतों की भागीदारी से मजबूत किया जाएगा। यह पहल स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि मोदी सरकार आपदा प्रबंधन को प्रतिक्रिया-आधारित (Reactive) से पूर्व-तैयारी और न्यूनीकरण आधारित (Preventive & Mitigative) मॉडल में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।
News Analysis
₹507.37 करोड़ की यह राष्ट्रीय परियोजना भारत में आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण में एक ऐतिहासिक बदलाव का संकेत देती है। पंचायतों को आपदा जोखिम न्यूनीकरण की धुरी बनाकर सरकार न केवल जान-माल के नुकसान को कम करना चाहती है, बल्कि एक स्थायी, सुरक्षित और आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत की नींव भी रख रही है। यह पहल भविष्य में स्थानीय स्तर पर आपदाओं से निपटने की क्षमता को निर्णायक रूप से मजबूत कर सकती है।
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