सुपौल/नेपाल: लगातार तीन दिनों से जारी भारी बारिश ने कोसी बराज के जलस्तर में चिंताजनक वृद्धि कर दी है। शुक्रवार शाम 4 बजे से लेकर अब तक, कोसी बराज से करीब 5 लाख क्यूसेक पानी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। शनिवार शाम 8 बजे तक बराज से 5 लाख 90 हजार 385 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज रिकॉर्ड किया गया। इस जलस्तर में वृद्धि से नदी का बहाव बराज के पुल के निचले हिस्से तक पहुंच गया है, जो एक गंभीर स्थिति का संकेत है।
स्थिति की समीक्षा और एहतियात
देर शाम के बाद बराज पर तीन-चार इंच तक पानी देखा गया, हालांकि अभी इस स्थिति से किसी तरह के ख़तरे की संभावना नहीं जताई गई है। हालांकि, कोसी बराज के पुल पर यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, और पैदल यात्रियों के नेपाल से भारत जाने पर पहले ही दिन में रोक लगाई जा चुकी थी। अधिकारियों का कहना है कि यदि पानी का डिस्चार्ज 6 लाख क्यूसेक के पार पहुंचता है, तो बराज के ओवरफ्लो होने का खतरा बढ़ सकता है।
नेपाल का प्रशासनिक अलर्ट
नेपाल के सुनसरी जिले के सहायक मुख्य जिला अधिकारी वेदराज फुयाल ने जानकारी दी है कि लगातार बारिश के चलते कोसी बराज का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जा चुका है। नेपाल के कोशी प्रदेश के मुख्यमंत्री हिकमत कार्की ने शनिवार की शाम को स्थिति का जायजा लिया और इंजीनियरों से रिपोर्ट ली। साथ ही, उन्होंने नेपाल एपीएफ के जवानों को आवश्यक निर्देश भी दिए।
बिहार में बाढ़ की स्थिति
कोसी, गंडक, बागमती, महानंदा और अन्य नदियों के बढ़ते जलस्तर ने बिहार के 13 जिलों को प्रभावित कर दिया है। इनमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सीवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, और मधुबनी शामिल हैं। इन जिलों के 140 ग्राम पंचायतों के 1.41 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है, और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास हो रहे हैं।
राहत और बचाव कार्य
बिहार सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर लगाए हैं और खाद्य सामग्री, दवाइयों, और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें भी विभिन्न क्षेत्रों में तैनात हैं। जनता से अपील की जा रही है कि वे सतर्क रहें और किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति में स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।
बढ़ते जलस्तर और बराज के खतरनाक स्थिति में पहुंचने से बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। सरकारी तंत्र पूरी तरह से मुस्तैद है, लेकिन जनता को भी सतर्क रहने की जरूरत है। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और समय-समय पर आवश्यक निर्देश दिए जा रहे हैं।
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