कोसी क्षेत्र: बिहार के कोसी क्षेत्र में एक बार फिर बाढ़ की चेतावनी ने लोगों के मन में भयावहता का माहौल पैदा कर दिया है। कोसी बैराज से 6.81 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका जताई जा रही है। पिछले दिनों हुई भारी बारिश के कारण नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है, जिससे स्थानीय निवासियों के मन में 2008 की भयंकर बाढ़ की यादें ताजा हो गई हैं।
कोसी बैराज के 56 फाटक खोले जाने के साथ ही प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए पूरी मशीनरी को अलर्ट मोड में डाल दिया है। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को हर घंटे स्थिति की जानकारी देने के लिए कहा गया है। जिला प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं और राहत कार्यों को तत्परता से संचालित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब से फाटक खोले गए हैं, तब से उनके मन में डर बैठ गया है। 2008 में आई बाढ़ ने हजारों लोगों के जीवन को प्रभावित किया था और कई गांवों को जलमग्न कर दिया था। इस बार प्रशासन ने पहले से ही तैयारियों को मजबूत करने का आश्वासन दिया है, लेकिन फिर भी लोगों की चिंता कम नहीं हो रही है।
राहत और बचाव कार्य:
प्रशासन ने बाढ़ के संभावित क्षेत्रों में तैनाती बढ़ा दी है। एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमों को भी विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है। बचाव कार्यों के लिए आवश्यक उपकरण और सामग्री पहले से ही तैयार रखी गई है। स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने बाढ़ के प्रभावी प्रबंधन के लिए स्थानीय समुदायों से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि सभी को चाहिए कि वे किसी भी तरह की अफवाहों से बचें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
भविष्य की तैयारी:
कोसी बैराज की प्रबंधन समिति ने भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष बैठक बुलाई है। बैठक में बाढ़ प्रबंधन योजना की समीक्षा की जाएगी और यदि आवश्यक हो तो तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
इस बीच, मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे जलस्तर और बढ़ सकता है। प्रशासन ने सभी निचले क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
सामाजिक समर्थन:
स्थानीय संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी बाढ़ राहत कार्य में भाग लेने का संकल्प लिया है। वे जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन, वस्त्र और अन्य जरूरी सामान जुटाने में सक्रियता दिखा रहे हैं।
बिहार सरकार ने भी इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष बजट आवंटित करने का ऐलान किया है।
कोसी नदी का बढ़ता जलस्तर और बैराज के फाटकों का खुलना निश्चित रूप से चिंता का विषय है। हालांकि प्रशासन और स्थानीय समुदाय मिलकर इस संकट का सामना करने के लिए तैयार हैं। लोगों की सुरक्षा और राहत कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है, लेकिन हर किसी को अपनी सतर्कता बनाए रखनी होगी।
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